...और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के हमले में मेरी जिंदगी बदल दी : गणेश वेंकटरमण

दैनिक चैतन्य लोक/विशेष साक्षात्कार ...
छलांग ऐसी मारो की आकाश चूम लो, कोई भी चीज एक्सीडेंट नहीं होती
सीमा-मनीष शर्मा
जिंदगी के सफर में कोई भी चीज एक्सीडेंट नहीं होती। जिंदगी का स्क्रीन प्ले ऊपरवाला लिखता है और उसी के अनुसार हमारी क्रिया और प्रतिक्रिया होती है। वल्र्ड ट्रेड सेंटर के हमले ने मेरी जिंदगी बदल दी। अन्यथा में अमेरिका में सेटल होकर इंजीनियरिंग की नौकरी कर रहा होता। यह बात साउथ की फिल्मों के स्टार गणेश वेंकटरमण ने दैनिक चैतन्य लोक से विशेष साक्षात्कार के दौरान कही।
गणेश ने कहा कि बचपन से उन्हें कल्चर एक्टिविटी में इंट्रेस था। फैमिली में से कोई सिनेमा में नहीं था। स्कूल के मंच पर प्रोग्राम किया करता था। कॉलेज के दौरान स्पोट्र्स फिटनेस में था और वॉलीबाल का कैप्टन भी रहा। हमेशा फिट था। कॉलेज के दौरान ही मॉडलिंग करने का अवसर भी मिला और बेस्ट कॉलेज मॉडल अवार्ड से मुझे नवाजा गया। इंटर कॉलेज के शो होते थे उनमें में अक्सर भाग लेता था। बस यही मेरा ग्लैमर की दुनिया से नाता था। उसके बाद मैंने इंजीनियरिंग की और कॉलेज में टॉप कर पढ़ाई के अलावा अन्य एक्टिविटी में भी भाग लिया। दोस्तों के साथ फैशन शो करने में मुझे बहुत मजा आता था। उस समय एक जुनून था। कॉलेज के बाद जॉब की। सॉफ्टवेयर इंजीनियर की डिग्री के बाद मुझे एक कंपनी में नौकरी भी मिल गई। उस समय घर वालों का प्लान रहता था कि थोड़े समय यह जॉब कर लो फिर यूएसए में सेट हो जाना। मेरा भी यही प्लान था। मैंने इसके लिए वहां पर ट्राय किया और सिलेक्ट भी हो गया। एडमिशन भी मिल गया। उसी दौरान अमेरिका में दिल दहला देने वाला वल्र्ड ट्रेड सेंटर हादसा हुआ। उस हादसे का दबाव अमेरिका पर पड़ा तो मुझे पता चला कि एडमिशन तो हो गया लेकिन स्कॉलरशिप कैंसल हो गई है। यह बहुत चौंका देेने वाली खबर थी। मैं नहीं चाहता था कि बिना स्कॉलरशिप के अमेरिका जाऊं। मुझे बड़ा अफसोस हुआ और मैं रोया भी कि अब अपने माता-पिता को और परेशान नहीं करूंगा। फिर से मैंने अपनी नौकरी शुरू कर दी। मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि वल्र्ड ट्रेड सेंटर का हादसा मेरी जिंदगी में इतना बड़ा बदलाव लेकर आएगा। हर किसी के जीवन में ऐसे ही मोड़ आते हैं। जीवन में जब कुछ उलझने आती है तो उससे घबराना नहीं चाहिए क्योंकि इसके बाद का समय हमें संवारता है। फिर 2003 में उन्हें मि. इंडिया वाल कांटेस्ट में सफलता मिली। 2004 में उन्हें मि. वल्र्ड को रिप्रेजेंट करने विदेश भेजा गया, जहां पर टॉप 5 में स्थान आया। वहां का अनुभव बहुत अच्छा रहा। इसके बाद बॉम्बे आया और मॉडलिंग करने लगा। फिर सोचा एक्टिंग करना चाहिए। इसके लिए एक्टिंग स्कूल गया, थियेटर किए। इस बीच स्टार प्लस के चर्चित शो अंतरिक्ष में मेन लीड का रोल मिला। यह दर्शकों को लुभा रहा था तभी 2007 में साउथ के बड़े फिल्मकार प्रकाशजी ने उन्हें एक तमिल फिल्म का ऑफर किया। इस फिल्म की हीरोइन तृषा थी। फिल्म में मैंने सरदार लड़के का रोल निभाया था और एक लव स्टोरी फिल्म थी। इसे तेलगु में भी बनाया गया। इस फिल्म में मेरे काम को देखकर महान स्टार कमल हसन ने मुझे वेनसडे में जिमी शेरगिल का रोल ऑफर किया और फिल्म सुपरहिट हुई। इसके बाद मैं स्टार बन गया। महानायक अमिताभ बच्चन के साथ भी एक फिल्म करने का मौका मिला जिसमें मैंने उनके बेटे का रोल किया। इस फिल्म में मेरा एक डॉयलाग था मुझे तिरंगा खरीद कर दो, यह सुपरहिट हो गया। मेरे लिये यह खुशनसीबी है कि मैंने हर बड़े स्टार के साथ काम किया। अमित जी, कमल हसन, नागार्जुन और भी कई नाम है। ज्यादातर फिल्मों में हीरो का ही रोल मिला। बस नागार्जुन के साथ एक फिल्म में निगेटिव रोल था। शुरू से ही मैं फिल्में साइन करने के मामले में थोड़ा सा चुजी रहा हूं। अच्छी कहानी अच्छा किरदार देखकर ही मैं हां करता हूं। 28 फरवरी को मेरी हिंदी फिल्म गन ऑफ बनारस रिलीज होने जा रही है। निर्देशक शेखर सुरी ने इसे बहुत ही अच्छे ढंग से बनाया है। इसमें करण नाथ मेरे साथ है। यह बनारस के गैंगस्टर की कहानी है और पूरा परिवेश ही वहां का लिया गया है। इस फिल्म को करने के लिए मैंने पहले खुद को बनारसी बनाने के लिए ढाला, वहां रहा। वहां की बोलचाल, भाषा यहां तक कि गालियां और सभी कुछ जाना, परखा। 80 घाट पर काफी समय बिताया। आप देखेंगे तो लगेगा कि मैं बनारस का ही छोकरा हूं।
मैं साउथ और नार्थ नहीं सिर्फ इंडियन हूं
आध्यात्म और धर्म में आस्था रखने वाले गणेश वेंकटरमण का कहना है कि वे सभी धर्म और मजहब को मानते हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि एक पूरी पावर शक्ति है, जो हर किसी की जिंदगी का स्क्रीन प्ले लिखती है और उसी के अनुसार हमें अलग-अलग अपने कर्म करने होते हैं। कोई भी एक्सीडेंट बुरा नहीं होता। हर एक्सीडेंट के बाद बहुत ज्यादा अच्छा होता है। फिल्म में काफी व्यस्ततता होती है लेकिन जितना भी समय मिलता है वे अपनी फैमिली और सात माह की बेटी के साथ गुजारना पसंद करते हैं। कैरियर और फैमिली दोनों सक्सेस हो तो फिर इससे बड़ी बात ही और क्या है। अमिताभ बच्चन को अपना आदर्श मानने वाले गणेश का कहना है कि उनकी इच्छा दीपिका पादुकोण के साथ काम करने की है। वे बहुत ही अच्छा काम कर रही है। फिल्म चयन करने में उनकी गजब की खूबी है।